Blog : आलोचना का भी करें प्रबंधन

चाणक्य ने कहा है "मूर्ख कभी प्रिय नहीं बोलता और स्पष्ट वक्ता कभी धूर्त नहीं होता। आलोचक के आक्षेप तुम्हारे प्रतिकूल नहीं होते।"

Friday, February 8, 2013

वैलेंटाइन डे की कहानी - पूजा सिंह

यूरोप (और अमेरिका) का समाज जो है वो रखैलों (Kept) में विश्वास करता है पत्नियों में नहीं, यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई पुरुष या मिहला मिले जिसकी एक शादी हुई हो, जिनका एक पुरुष से या एक स्त्री से सम्बन्ध रहा हो और ये एक दो नहीं हजारों साल की परम्परा है उनके यहाँ | आपने एक शब्द सुना होगा "Live in Relationship" ये शब्द आज कल हमारे देश में भी नव-अिभजात्य वगर् में चल रहा है, इसका मतलब होता है कि "बिना शादी के पती-पत्नी की तरह से रहना" | तो उनके यहाँ, मतलब यूरोप और अमेरिका में ये परंपरा आज भी चलती है,खुद प्लेटो (एक यूरोपीय दार्शनिक) का एक स्त्री से सम्बन्ध नहीं रहा, प्लेटो ने लिखा है कि "मेरा 20-22 स्त्रीयों से सम्बन्ध रहा है" अरस्तु भी यही कहता है, देकातेर् भी यही कहता है, और रूसो ने तो अपनी आत्मकथा में लिखा है कि "एक स्त्री के साथ रहना, ये तो कभी संभव ही नहीं हो सकता, It's Highly Impossible" | तो वहां एक पत्नि जैसा कुछ होता नहीं | और इन सभी महान दार्शनिकों का तो कहना है कि "स्त्री में तो आत्मा ही नहीं होती" "स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये " | तो बीच-बीच में यूरोप में कुछ-कुछ ऐसे लोग निकले जिन्होंने इन बातों का विरोध किया और इन रहन-सहन की व्यवस्थाओं पर कड़ी टिप्पणी की | उन कुछ लोगों में से एक ऐसे ही यूरोपियन व्यक्ति थे जो आज से लगभग 1500 साल पहले पैदा हुए, उनका नाम था - वैलेंटाइन | और ये कहानी है 478 AD (after death) की, यानि ईशा की मृत्यु के बाद |

उस वैलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हम लोग (यूरोप के लोग) जो शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं कुत्तों की तरह से, जानवरों की तरह से, ये अच्छा नहीं है, इससे सेक्स-जनित रोग (venereal disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक पति-एक पत्नी के साथ रहो, विवाह कर के रहो, शारीरिक संबंधो को उसके बाद ही शुरू करो" ऐसी-ऐसी बातें वो करते थे और वो वैलेंटाइन महाशय उन सभी लोगों को ये सब सिखाते थे, बताते थे, जो उनके पास आते थे, रोज उनका भाषण यही चलता था रोम में घूम-घूम कर | संयोग से वो चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर व्यक्ति को यही बताते थे, तो लोग उनसे पूछते थे कि ये वायरस आप में कहाँ से घुस गया, ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है, तो वो कहते थे कि "आजकल मैं भारतीय सभ्यता और दशर्न का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो परफेक्ट है, और इसिलए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो", तो कुछ लोग उनकी बात को मानते थे, तो जो लोग उनकी बात को मानते थे, उनकी शादियाँ वो चर्च में कराते थे और एक-दो नहीं उन्होंने सैकड़ों शादियाँ करवाई थी |

जिस समय वैलेंटाइन हुए, उस समय रोम का राजा था क्लौड़ीयस, क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वैलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, मौज-मजे में डूबे रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फ़िर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला रहा है, हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है", तो क्लौड़ीयस ने आदेश दिया कि "जाओ वैलेंटाइन को पकड़ के लाओ ", तो उसके सैनिक वैलेंटाइन को पकड़ के ले आये | क्लौड़ीयस नेवैलेंटाइन से कहा कि "ये तुम क्या गलत काम कर रहे हो ? तुम अधमर् फैला रहे हो, अपसंस्कृति ला रहे हो" तो वैलेंटाइन ने कहा कि "मुझे लगता है कि ये ठीक है" , क्लौड़ीयस ने उसकी एक बात न सुनी और उसने वैलेंटाइन को फाँसी की सजा दे दी, आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराते थे, मतलब शादी करना जुर्म था | क्लौड़ीयस ने उन सभी बच्चों को बुलाया, जिनकी शादी वैलेंटाइन ने करवाई थी और उन सभी के सामने वैलेंटाइन को 14 फ़रवरी 498 ईःवी को फाँसी दे दिया गया |

पता नहीं आप में से कितने लोगों को मालूम है कि पूरे यूरोप में 1950 ईःवी तक खुले मैदान में, सावर्जानिक तौर पर फाँसी देने की परंपरा थी | तो जिन बच्चों ने वैलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत दुखी हुए और उन सब ने उस वैलेंटाइन की दुखद याद में 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस दिन से यूरोप में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | मतलब ये हुआ कि वैलेंटाइन, जो कि यूरोप में शादियाँ करवाते फ़िरते थे, चूकी राजा ने उनको फाँसी की सजा दे दी, तो उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | ये था वैलेंटाइन डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार |

अब यही वैलेंटाइन डे भारत आ गया है जहाँ शादी होना एकदम सामान्य बात है यहाँ तो कोई बिना शादी के घूमता हो तो अद्भुत या अचरज लगे लेकिन यूरोप में शादी होना ही सबसे असामान्य बात है | अब ये वैलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में आ गया है और बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़िकयां बिना सोचे-समझे एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं | और जो कार्ड होता है उसमे लिखा होता है " Would You Be My Valentine" जिसका मतलब होता है "क्या आप मुझसे शादी करेंगे" | मतलब तो किसी को मालूम होता नहीं है, वो समझते हैं कि जिससे हम प्यार करते हैं उन्हें ये कार्ड देना चाहिए तो वो इसी कार्ड को अपने मम्मी-पापा को भी दे देते हैं, दादा-दादी को भी दे देते हैं और एक दो नहीं दस-बीस लोगों को ये ही कार्ड वो दे देते हैं | और इस धंधे में बड़ी-बड़ी कंपिनयाँ लग गयी हैं जिनको कार्ड बेचना है, जिनको गिफ्ट बेचना है, जिनको चाकलेट बेचनी हैं और टेलीविजन चैनल वालों ने इसका धुआधार प्रचार कर दिया | ये सब लिखने के पीछे का उद्देँशय यही है कि नक़ल आप करें तो उसमे अकल भी लगा लिया करें | उनके यहाँ साधारणतया शादियाँ नहीं होती है और जो शादी करते हैं वो वैलेंटाइन डे मनाते हैं

उत्तर प्रदेश में सरकारी पैसे से सैक्स वर्धक दवाइयाँ…

आगरा: सिटी मजिस्‍ट्रेट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि दिल्‍ली में एक डीएम और कमिश्‍नर के नाम पर खरीदी गई अधिकतर दवाएं सेक्‍स ताकत बढ़ाने वाली थीं। सिटी मजिस्‍ट्रेट ने जिला अस्‍पताल के दवा स्‍टोर में पड़ताल की है। उन्‍होंने वर्ष 2011-12 में दवाओं के लोकल पर्चेज से जुड़े नौ रजिस्‍टर देखे। रजिस्‍टर के हर पेज पर सादी पर्ची में दवा और मरीज का नाम लिखा था।कई पर्चियों पर ओवर राइटिंग मिली है।सिटी मजिस्‍ट्रेट ने पाया कि काफी मात्रा में सेक्‍स और शारीरिक ताकत बढ़ाने वाली दवाएं भी ली गई थीं। हालांकि अब तक सिटी मजिस्‍ट्रेट राजकुमार ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है। उनका कहना है कि अभी रिर्पोट जमा करवाने में थोड़ा वक्त लगेगा।

कैग (CAG) के बयान पर कांग्रेस को मिर्ची लगी

कई नीतिगत मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर देने वाले सीएजी विनोद राय ने इस बार सरकार के कामकाज के तरीके पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने देश में नहीं, एक इंटरनैशनल मंच से सरकार पर हमला बोला है। विनोद राय ने कहा कि सरकार करप्शन को खत्म नहीं कर पा रही है। वह उद्योगों को नहीं, उद्योगपतियों को मदद कर रही है।

प्रतिष्ठित हार्वर्ड केनेडी स्कूल में आयोजित एक सेमीनार में गुरुवार को सीएजी ने कहा कि सरकार सीएजी को ऑडिट करने वाले अकाउंटेंट से ज्यादा नहीं समझती, लेकिन सीएजी नौकरशाहों, नेता और पूंजीपतियों के बीच सांठगांठ का पर्दाफाश करता रहेगा। विनोद राय ने कहा कि सरकार को उद्योगों को समर्थन करने वाली नीतियां बनानी चाहिए, ना कि किसी खास पूंजीपति के समर्थन के लिए नीतियां बने।

कांग्रेस ने कैग के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के महासचिव दिग्विज सिंह ने कहा, 'कैग का काम ऑडिट करना है। कैग पॉलिसी बनाने लगेगा तो हमलोग क्या करेंगे? क्या वह पीएम बनना चाहते है?' दिग्विजय ने कहा कि विनोद राय जी को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। कैग अगर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो चुनाव लड़े और नीतियां बनाएं। कांग्रेस प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी कैग की सीमा में रहकर काम करने की सलाह दी।

राय ने कहा कि हम (कैग) करप्शन को तो पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते, लेकिन अफसरों-उद्योगपतियों के गठजोड़ को उजागर करते रहेंगे। 2जी और कोयला घोटाला संबंधी अपनी रिपोर्ट को लेकर सरकार के निशाने पर रहे विनोद राय ने कहा कि सीएजी की भूमिका सिर्फ संसद के सामने रिपोर्ट पेश करने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें उससे आगे जाकर अपनी रिपोर्ट की मदद से जनता को जागरूक करने का काम भी करना है।

अधिकार क्षेत्र उल्लंघन करने संबंधी आरोपों की चर्चा करते हुए सीएजी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र परिपक्व हो रहा है। शहरी मध्यम वर्ग जनसमस्याओं को लेकर अब तेजी से गोलबंद होने लगा है। ऐसी स्थिति में हम नई राह पर यह सोच कर चल रहे हैं कि जनता का हित सबसे पहले है और हमें जनहित में काम करना है।


भारत में लोकतंत्र खत्म हो चुका है, सिर्फ भ्रष्टतंत्र शेष रह गया है वित्त मंत्री की पोस्ट की गरिमा खोती जा रही है हर मंत्री चमचागिरी में लगा है. इतने बड़े संविधानिक प पर बेठे अफसर को दिग्विजय सिंह द्वारा लेखाकार कहना विनोद राय जी का अपमान है. राय जी को दिग्विजय सिंह के खिलाफ मान हानि का केस दर्ज कराना चाहिये. यह जानबूझकर अपमान किया गया है. देश की जनता विनोद राय जी पर भरोसा करती है. दिग्विजय सिंह कांग्रेस का एक प्रवक्ता है ओर कोई हेसियत नही है. राय जी ने सच क्या बोल दिया की कांग्रेसी हद मे रहने की धमकी देने लगे है. यह लोकतंत्र का तमाशा नही तो ओर क्या है ? एसए लोगो को देश की जनता सबक़ सिखाने के लिये तैयाआर बेठी है.

समग्र क्रांति जब तक नहीं होती कुछ नहीं हो सकता, देश को इन्होने अपनी जागीर समझ लिया है. मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है, हुँकारों से महलों की नींव उखड जाती, सांसो के बल से ताज हवा में उड़ते हैं, दो राह समय के रथ का घर्घर नद सुनो, सिंहासन खाली करो की जनता आती

इस्लाम का उदृदेश्य आतंक और सेक्स है



इस्लाम का उदृदेश्य आतंक और सेक्स है यह मेरा कहना नही है किन्तु जब इस्लाम से सम्बन्धित ग्रंथो का आध्ययन किया जाये तो प्रत्यक्ष रूप ये यह बात सामने आ ही जाती है | कि घूम फिर कर अल्लाह को खुश करने के लिये जगह पर आंतक फैलाने और उनके अनुयायियों खुश करने के लिये सेक्स की बात खुल कर कही जाती है | इस्लाम के पवित्र योद्धाओ (आतंकियो) को यौन-सुखों और भोगविलास के असामान्य विशेषाधिकार दिए गए हैं | यदि वे लड़ाई के मैदान में जीवित रह जाते हैं तो उनके लिए गैर-मुसलमानों की स्त्रियाँ रखैलों के रूप में सुनिश्चित हो जाती हैं | लेकिन यदि वे युद्ध के मैदान में मारे जाते हैं तो वे 72 हूरियों से भरे 'जन्नत' के अत्यन्त विलासिता पूर्ण वातावरण में निश्चित रूप से प्रवेश के अधिकारी हो जाते हैं | अल्लाह को खुश करने के लिये कई जगह मुर्तिपूजको तथा गैर-मुसलमानों की संहार योजना में भाग लेने के बदले में यौन-सुखों के प्रलोभनों का वायदा किया जाता है जैसे कि यदि वह (आतंक फैलाने वाला ) युद्ध भूमि की कठिन परिस्थितियों मारा गया तो उसे 'जन्नत' में उसकी प्रतीक्षा कर रहीं अनेक हूरों के साथ असीमित भोगविलासों एवं यौन-सुखों का आनंद मिलेगा, और यदि वह जीवित बचा रहा तो उसको 'गैर-ईमान वालों' के लूट के माल, जिसमें कि उनकी स्त्रियाँ भी शामिल होंगी, में हिस्सा मिलेगा | इन आतंकियो को कितनी अच्छी तरह से हूरो का लालच दे कर बरगलाया जा रहा है हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ.(35-40) में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन इस प्रकार है

  • हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है | उसकी हड्डियों में बहने वाला द्रव्य इसी प्रकार दिखाई देता है जैसे रूबी और मोतियों के अंदर की रेखाएँ दिखती हैं | वह एक पारदर्शी सफेद गिलास में लाल शराब की भाँति दिखाई देता है |

  • उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है |

  • प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है | उसके उरोज उन्नत गोल और बडे होते हैं जो झुके हुए नहीं हैं | हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं |

  • हूर यदि 'जन्नत' में अपने आवास से पृथ्वी की ओर देखे तो सारा मार्ग सुगंधित और प्रकाशित हो जाता है |

  • हूर का मुख दर्पण से भी अधिक चमकदार होता है, तथा उसके गाल में कोई भी अपना प्रतिबिंब देख सकता है | उसकी हड्डियों का द्रव्य ऑंखों से दिखाई देता है |

  • प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको 72 हूरें दी जाएँगी | जब वह 'जन्नत' में प्रवेश करता है, मरते समय उसकी उम्र कुछ भी हो, वहाँ तीस वर्ष का युवक हो जाएगा और उसकी आयु आगे नहीं बढ़ेगी |
अब भाई अब जब हूर इतनी खूब होगीं तो कोई क्यो न अल्लाह के लिये मरने को तैयार होगा, इन आतंकियो का यही मकसद होता है कि घरती पर उनके विलास के लिये अल्लाह द्वारा दिया गया मसौदा तो तैयार ही है और जन्नत में भी हूरे उनका इन्जार कर रही है | सोने पर सुहागा हदीस तिरमिज़ी खंड-2 (पृ.138) करती है कि ''जन्नत में एक पुरुष को एक सौ पुरुषों के बराबर  की ताकत दिया जायेगा| भारत और पाकिस्तान मे 90 % के लगभग मुस्लिम हिन्दू धर्म परिवर्तन से हुये है, इतिहास गवाह है की ओरंगजेब ने कितने मुस्लिम बनाये. जो कायर थे उन्होने अपना धर्म बदला और जो वीर थे वो लड़े, शहीद हुये. पर झुके नही. फिर एक देश अलग हुआ, पर उसमे तो बहुतायत कायरो की है. भला वो कैसे हमसे युद्ध जीत सकता है, इतिहास इस चीज का भी गवाह है की आज तक हमसे पाकिस्तान किसी भी यद्ध मे नही जीत सका, जबकि हमने उसका भूगोल ही बदल दिया. तभी वो आतंकवादियो को भेजते है, बेगुनाह लोगो पर हमला करते है, अरे हिम्मत है तो सामने आकर लड़ो. हम शान्ती के दूत है, लेकिन कोई हमारे स्वाभिमान को चोट पहुँचायेगा तो हम चुप नही रहेंगे, फिर कहेंगे की अंतिम एक चुनौती दे दो सीमा पर पड़ोसी को गीदड़ कायरता ना समझे सिंहो की ख़ामोशी को, तीर अगर हम तनी कमानों वाले अपने छोड़ेंगे जैसे ढाका तोड़ दिया लौहार-कराची तोड़ेंगे, हमको अपने खट्टे-मीठे बोल बदलना आता है हमको अब भी दुनिया का भूगोल बदलना आता है.

Thursday, February 7, 2013

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मामले को बार-बार टाले जाने पर सीबीआई को जमकर फटकार लगाई है।

अयोध्या मे बाबरी ढांचे के विध्वंश को राष्ट्रीय अपराध कहने पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सी.बी.आई. को फटकार लगाना स्वागत योग्य है। एक बार पुनः साबित हो चुका है कि सी.बी.आई. कांग्रेस पार्टी के एजेण्ट के रूप में कार्य कर रहा है। मा0 उच्चतम न्यायालय की यह फटकार प्रयागराज महाकुम्भ में देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल एवं धर्म संसद में हुये पारित प्रस्तावों की पुष्टि करता है।

सी.बी.आई. कांग्रेस के एजेण्ट के रूप में कार्य करते हुये केवल राजनीतिक विद्वेष की भावना से देश के धर्माचार्यो तथा प्रमुख हिन्दू नेताओं को जबरन मुकदमों में फॅसाकर हिन्दुओं को अपमानित कर रही है। इससे प्रयागराज महाकुम्भ में धर्माचार्यो मे व्यापक आक्रोश है। गोरक्षपीठाधीश्व­र पूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की अध्यक्षता में देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल द्वारा जो छः प्रस्ताव पारित किये, उनमें से अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मन्दिर का निर्माण, धर्मान्तरण की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को पूर्ण प्रतिबन्धित करना, गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के लिये केन्द्रीय कानून बनाना, गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिये नये सिरे से अभियान प्रारम्भ करना, अवैध घूसपैठ एवं जेहादी आतंकवाद के खिलाफ व्यापक जनजागरण के माध्यम से राष्ट्र की आन्तरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने सम्बन्धित प्रस्ताव पारित किये गये जिसकी पुष्टि देश के 10000 संतो की धर्म संसद ने प्रयागराज महाकुम्भ में किया है।
अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ न होना इस देश के 100 करोड़ हिन्दू जनता का अपमान है। इसके लिये कांग्रेस एवं वे तथाकथित राजनीतिक दल जिम्मेदार है जिन्होनें हिन्दुओं को अपमान करना एकमात्र अपना उद्देश्य बना लिया है। जो लोग इससे पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से सम्बन्धित प्रमाण मांगते थे, आज वे मौन क्यो है? स्वंय सन् 1994 में कांग्रेस की तत्कालीन केन्द्र सरकार ने मा0 उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र दाखिल किया था कि अगर यह साबित हो गया कि विवादित ढांचा किसी मन्दिर या हिन्दू स्मारक को तोड़ कर बनाया गया था तो सरकार हिन्दू भावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी और अगर यह साबित नही हो पाया तो मुसलमानों केे भावनाओं का सम्मान होगा। इस शपथ पत्र के आलोक में दिनांक 30 सितम्बर,2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायलय के लखनऊ खण्डपीठ की एक पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में इस बात को स्पष्ट कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल ही प्राप्त साक्ष्यों एवं प्रमाणों के आधार पर श्रीराम जन्मभूमि है। कांग्रेस नेतृत्व की यू.पी.ए. सरकार को सन् 1994 के अपने शपथ पत्र का संज्ञान लेना चाहिये तथा हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुये अब संसद में प्रस्ताव पारित कर श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ करनी चाहिये। अगर अब भी हिन्दु भावनाओं के खिलाफ कार्य करने से केन्द्र और प्रदेश सरकार बाज नही आई तो धर्म संसद का अन्तिम संकल्प है भीषण संघर्ष। धर्म संसद एवं देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल ने देश में लगातार बढ़ रही हिन्दू विरोधी गतिविधियों पर चिन्ता व्यक्त की और उसके लिये चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से अक्षय तृतीया तक व्यापक जनजागरण का अभियान अपने हाथो में लिया है। हम व्यापक जनजागरण के माध्यम से हिन्दू एकता का मार्ग प्रशस्त करनें और जरूरत पड़ेगी तो किसी हिन्दू विरोधी गतिविधि का मुॅहतोड़ जवाब भी देगें।
बाबरी ढांचों के विध्वंश को सी.बी.आई. द्वारा राष्ट्रीय अपराध कहने की निन्दा की तथा मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा सी.बी.आई. को फटकार का स्वागत करते हुये आशा व्यक्त किया कि धर्म संसद और माननीय उच्चतम न्यायालय की फटकार से कांग्रेस नेतृत्व की आखें खुलेंगी।

Wednesday, February 6, 2013

दिल्ली: इस बार विदेशी महिला हुई दुष्कर्म की शिकार

बीती रात एक 23 साल की विदेशी महिला ने अपने भारतीय दोस्त पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में हौज़ ख़ास थाने में मामला भी दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी का नाम तारिक शेख़ है। 28 साल का तारिक एक मैनेजमेंट स्टूडेंट हैं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। लड़की के देश की एंबेसी को भी घटना की सूचना दे दी गई है। कहा जा रहा है कि पीड़ित गुड़गांव की एक कंपनी में बतौर ट्रेनी काम करती है।

विदेशी लडकी से हुए इस काण्ड के बलात्कारी को भले ही पुलिस ने दबोच लिया है परन्तु भारत की छवि पूरे विश्व में 16 दिसम्बर को देश की राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीया छात्रा के साथ हुए सामुहिक बलात्कार से दागदार हुई थी, अब इसके दो माह अंदर निरंतर हो रहे बलात्कार की घटनाओं के बाद विदेशी लडकी के साथ हुए बलात्कार की घटना ने पूरे विश्व के लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि भारत की सरकार आखिर कर क्या रही है। क्यों सरकार कडे से कडे कदम उठा कर इस प्रवृति को जमीदोज कर रही है। कई देशों से अपने भारत जाने वाले नागरिकों को यहां पर सावधानी बरतने की हिदायत तक जारी कर दी है। दामिनी प्रकरण से जो जनाक्रोश पूरे देश में उमडा था उसके बाद भी इसके दोषियों को सजा देने में देश के हुक्मरान कितने अनमने ढंग से काम कर रहे है। कभी अपराधी को उम्र की ढाल तो कभी मानवाधिकार वाली ढाल का प्रयोग करके देश की जनता का आक्रोश बढा रहे है। अगर यहां कानून व्यवस्था कडी होती तो 6 फरवरी को रेप के लिए कुख्यात हो चूके हौजखास इलाके में 23 साल की चीन की लड़की के साथ पार्टी ऑर्गेनाइजर तारिक शेख करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता व नहीं दिल्ली में 4 फरवरी को लाजपत नगर के समीप जलविहार में एक 24 वर्षीय युवती से बलात्कार की कोशिश करने में नकाम रहने पर अपराधी ने उसके गले में लोहे की राड ही डाल कर गंभीर रूप से घायल करने की हिम्मत ही जुटाता। 3 फरवरी को उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में 20 साल की एक युवती को उसके मकान मालिक के बेटे व उसके दो साथियों ने धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर तीन युवकों द्वारा गैंग रेप किया। यही नहीं 26 जनवरी की परेड़ में सम्मलित होने आये पूर्वोत्तर की छात्राओं से जिस प्रकार से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से गुवाहाटी जाते समय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जवानों पर छेड़छाड़ किया। इन 9 आरोपी जवानों को मुगलसराय स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया। यही नहीं केवल आम युवक या सामान्य लोग ही इस मामले में जिम्मेदार है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी यानी आईएएस शशिभूषण जो उप्र सरकार के विशेष सचिव (तकनीकी शिक्षा) पर पर आसीन थे उन्होंने अक्टूबर 2012 में गाजियाबाद से लखनऊ समय लखनऊ मेल में सफर कर रही एक युवती से साथ दुष्कर्म की कोशिश जिसको रेल में सुरक्षा बल ने पकडा उसके बाद उसे जेल भेजा गया।

राहुल गांधी बने महादेव और सोनिया लक्ष्मीबाई!

राहुल गाँधी ने कुछ दिन पहले "सत्ता जहर है" वाला बयान दिया था, अब कांग्रेसियों ने उन्हें "नीलकंठ" के रूप में दिखाने वाला पोस्टर लगाया है. क्या मतलब है इसका ? क्या सत्ता का जहर राहुल के गले में अटक गया है, या वो सत्ता का जहर निगल भी नहीं रहे हैं और उगलना भी नहीं चाहते ?
कुछ कांग्रेसी समर्थकों ने कुम्भ में विवादित चित्र लगाए हैं. कुंभ क्षेत्र में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के दो विवादित पोस्टरों ने मामले को और गरम कर दिया| कांग्रेस के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कुंभ क्षेत्र में दो विवादित पोस्टर लगाए हैं| एक पोस्टर पर राहुल गांधी की तुलना नीलकंठ महादेव से की गई है तो दूसरे में सोनिया गांधी को रानी लक्ष्मी बाई के रूप में दर्शाया गया है| दोनों ही पोस्टरों को मेले क्षेत्र में प्रशासन की अनुमति के बिना लगाया गया है| संगम क्षेत्र में प्रवेश करते ही अखाड़ों के प्रवेश द्वार पर इलाहाबाद के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने एक पोस्टर में राहुल गांधी को भगवान शंकर का रूप दे दिया है| इसमें एक तरफ राहुल नज़र आ जायेंगे, दूसरी तरफ भगवान शिव की तस्वीर है| उनके माथे पर तीसरी आंख बनाई गई है | उनके गले के हिस्से को नीले रंग से दर्शाते हुए उनकी तुलना नील कंठ भगवान से की गई है| तस्वीरों के ठीक नीचे लिखा गया है कि सत्ता में जहर है, ठीक है और जो जहर पीता है' वही नीलकंठ होता है'| आगे लिखा है कि "उठा लो हलाहल और शंकर हो जा"| इस होर्डिंग को लगाने वाले कांग्रेस के स्थानीय नेता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि जिस तरह से बिना मतलब के पिछले तीन दिन से बीजेपी के लोग धर्म क्षेत्र को राजनैतिक अखाड़े में तब्दील कर रहे हैं उसी तरह हम भी चाहते हैं कि राहुल गांधी जन कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करें और यहां कुंभ क्षेत्र में आएं| और इसी तरह से कुछ महिना पहले रामलीला मैदान में भी कांग्रेसी लोगों ने सम्मेलन किया था वहाँ पर भी रामलीला मैदान दिल्ली की मस्जिद वाली साईड में सोनिया गाँधी को माँ भवानी के रूप मे दिखाया गया था याद है की आप लोग भूल गए हिन्दू लोगों को भूलने की बिमारी ज्यादा होती है. रामलीला मैदान की वो फोटो सबसे पहले संजय सिंह जी व महावीर प्रसाद जी सोशल मिडिया राष्ट्रवादीयों ने अपने कैमरे में खिंची थी वही पर इलाहाबाद में ये कांग्रेसी लोगों ने महादेव शंकर को अपमानित किया है. वाह रे कांग्रेसियोंए बहुत ही कमाल के लोग होए एक तरफ तो हिन्दुओ को आंतकवादी कहते होए दूसरी तरफ हिन्दुओ के देवी ओर देवता की जरिये वोट मागते होए रानी लक्ष्मी बाई का भी नाम बदनाम करते हो, जिसने हिन्दुओ के लिये आखरी दम तक लड़ा था. तुम कांग्रेस ओर तुम्हारी मां ओर तुम्हारा ये भाई कब तक हिन्दुओ को वेवकूफ बनाओगे ये तो अब आने वाला समय ही बतायेगए दोगले लोग है ये मेरे भइयों अब भी अगर आप लोगो की आंख नही खुली तो समझ लो हिन्दुस्तान को लुटा कर ही रहेगा. ये तीनमूर्ति हमे कही का भी नही छोड़ेगेए अब भी समझ जाओ. अभी भी वक्त हैए सब कुछ तो लुट चुका है. जो थोड़ा बहुत बाकी है इसे तो मत लूटने दो, मेरी आप लोगो से निवेदन है की किसी तरह से हिन्दुस्तान को पाकिस्तान जैसा हाल ना होने दो. ये मामला इस बार इलेक्ट्रिक मीडिया ने अभी तक नहीं दिखाया है ये लोग आज भी हमारे सर पर बैठकर हिन्दूऔ के जबरदस्ती देवता बनकर बैठे है कल ये चुनाव में होंगे और हमने या आपके परिवार वालों ने पिछले वर्षों की तरह गलती से भी वोट दे दिया तो आप लोगों अपने घर में देवताऔ की नहीं इन इटली वाले खानदान की पूजा करनी होगी.

नरेंद्र मोदी के मामले में कांग्रेस एनडीए का डीएनए बदलने की फिराक में है

 नरेंद्र मोदी के मामले में कांग्रेस एनडीए का डीएनए बदलने की फिराक में है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम पद के लिए अपनी हवा बनाने में कामयाब हो गए हैं। लेकिन हवा निकालने में माहिर कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है वो है जेडीयू को बीजेपी ओर एनडीए से अलग करना । वह सीधे तो मोदी पर प्रहार नहीं करेगी, लेकिन एनडीए के साथियों की सांसों में जहर घोलकर बीजेपी को बहुत परेशान जरूर करेगी। कांग्रेस की कोशिश है कि कैसे भी करके एनडीए के सहयोगियों को अपने हितों की याद दिलाकर माहौल की रफ्तार को रोका जाए। बीजेपी के साथी दलों के सरोकारों की समझ को बढ़ाया जाए। एनडीए इसी से कमजोर होगा। लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल बाकी है। जो लोग इस आस में बैठे हैं कि चुनाव वक्त से पहले होंगे, अपनी नजर में वे कोई बहुत समझदार सोच के स्वामी नहीं हैं। कांग्रेस इतनी बेवकूफ नहीं हैं, जो रात ढलने से पहले ही अपनी चलती दुकान बंद करके घर बैठ जाए। ऐसा कोई नहीं करता। जो करता है, वो भरता है। अपने अटलजी को ही देख लीजिए, इंडिया शाइनिंग की चकाचौंध में आकर फील गुड के फैक्टर में वक्त से कुछ पहले ही चुनाव मैदान में उतर गए थे। लेकिन मैदान से सीधे घर गए, जो आज तक घर से बाहर नहीं निकले। लेकिन फिर भी बीजेपी में इस बार भी वक्त से बहुत पहले से ही हलचल बहुत तेज है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वक्त से बहुत पहले दावेदारी के केंद्र में आने से कई बार जो सहज नुकसान संभव है, उसकी भरपाई लगभग असंभव हुआ करती है। पर, मोदी तो असंभव में भी संभव की तलाश के लिए माहिर माने जाते हैं। शायद यही कारण है कि वे अभी से तैयार हैं राजनीति में हमेशा कुछ भी बहुत तय नहीं होता। जेडीयू को वैसे भी मोदी के नाम पर शुरू से ही एतराज रहा है। वैसे, नीतिश कुमार यह जानते हैं कि वे अभी इतने बड़े नहीं हुए हैं कि देश उनको पीएम के मामले में गंभीरता से ले। लेकिन मोदी विरोध के जरिए अपने बिहार के अल्पसंख्यकों के दिलों को जीतकर फिर बिहार पर राज करने ने की उनकी मंशा हैं। उधर, एनडीए के संयोजक शरद यादव ने सिर्फ इतना सा, कि – गठबंधन बहुत मुश्किल से बनते हैं, कांग्रेस इस माहौल के बढ़ने का मौका देख रही है अब बीजेपी को चाहिये की वो या तो नितीश को मनाये या फिर जल्दी ही जेडीयू से रिश्ता तोड़े, बिना अपनी लाइन सॉफ किये बीजेपी को कोई फायदा नही होगा.

विश्व गुरू रहे भारत को आत्मघाती हुक्मरानों ने धकेला पतन के गर्त में....

कभी विश्व गुरू व सोने की चिडिया रहे भारत को आत्मघाती हुक्मरानों ने धकेला पतन के गर्त में कभी भारत विश्व में अपने ज्ञान विज्ञान के रूप में जगतगुरू के रूप में जाना जाता था। यहां विकास व वैभव का सागर अंगडाई लेता था इसी कारण संसार भर में इसे सोने की चिडिया कहा जाता था। इसकी प्रसिद्ध के कारण ही चंगैज, गजनवी, मुगल, सिकंदर व यूरोपिय लुटेरे भारत पर काबिज होने के लिए बारबार आक्रमण करते थे। 1947 में विदेशी लुटेरों से भले ही भारत को आजादी मिल गयी हो परन्तु आजाद भारत की नींव को पश्चिमी संस्कृति के मोहपाश में बंधे भारतीय हुक्मरानों ने प्राचीन गौरवशाली भारतीय संस्कृति का अनुशरण करने के बजाय हिंसा, लूटमार व शोषण की बुनिया पर खड़ी पश्चिमी सभ्यता की तरह रखने का आत्मघाती भूल की। उसी की वजह है कि आज एक तरफ हमारे आजादी के समय ही अपने विकास का सफर करने वाला चीन, जापान, इस्राइल आदि देश विश्व में अपना परचम फेहरा रहे है। वहीं भारत आजादी के 65 साल बाद भी अपनी भाषा को ही नहीं अपितु अपने नाम के लिए भी तरस रहा है। भारतीय पतन की इतनी शर्मनाक स्थिति है कि उसी फिरंगी तंत्र व भाषा को भी आजादी के बाद बेशर्मी से ढोते हुए खुद को विश्व का सबसे बडी लोकशाही का तकमा दे रहा है। 

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत कितनी शर्मनाक है कि यहां देश की राजधानी के नामी चिकित्सालय सफदरगंज में ही विगत पांच साल में 8 हजार से अधिक बच्चे इस अस्पताल में इस अस्पताल की बदहाली के कारण दम तोड़ चूके है। देश के दूरस्थ क्षेत्रों में तो पहले अस्पताल ही नहीं है तो वे डाक्टर व दवा के बगैर खुद ही बीमार पडे है। भारत में शिक्षा की स्थिति इस बात से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि कभी विश्व में ज्ञान विज्ञान के कारण जगतगुरू की पदवी पर सम्मानित भारत के आज स्थिति इतनी शर्मनाक है कि पूरे विश्व के प्रथम मानक रखने वाली 200 विश्वविद्यालयों में एक भी भारतीय विश्वविद्यालय का नाम तक नहीं है। देश में जनप्रतिनिधी व नौकरशाह इतने भ्रष्ट हो गये हैं कि देश के अधिकांश दलों के नेताओं के भ्रष्टाचार के मामले पर एक दूसरे को संरक्षण देने के कारण न्याय की देहरी में ही दम तोड़ रहे है। देश की सरकारें इतनी पतित हो गयी है कि देश के संसाधनों को लूट कर भ्रष्ट लोगों ने विकास के पैसे को विदेशों में छुपा रखा हे। देश में धर्म के नाम पर संकीर्णता व कटरपंथ ही सर उठा कर देश की एकता व अखण्डता को तबाह करने में तुले हुए है। यही नहीं देश के हुक्मरान भारतीय हितों के बजाय अमेरिका व अपने निहित स्वार्थो के लिए देश के हितों को दाव पर लगा रहे है। देश की संसद, कारगिल, मुम्बई सहित पूरे देश को आतंकी हमलों से लहूलुहान करने वाले पाक व उसके संरक्षक अमेरिका को मुहतोड़ जवाब देने के बजाय देश के हुक्मरान नपुंसकों की तरह दोस्ती की पींगे बढ़ा कर विश्व में भारत की जगहंसाई करा रहे हैं। हालत इतनी शर्मनाक हो गयी है कि देश की सीमा की सुरक्षा में लगे सैनिकों का सरकाटने की धृष्टता पाकिस्तान करता है इसके बाबजूद भी भारतीय हुक्मरानों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती है।  

देश में कानून व्यवस्था की हालत कितनी अराजक है इसका नजारा 16 दिसम्बर को देश की राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीया छात्रा के साथ हुए सामुहिक बलात्कार से जग जाहिर हो गयी। इसके दोषियों को सजा देने में देश के हुक्मरान कितने अनमने रहे यह भी स्पष्ट हो गया है। इस काण्ड के बाबजूद दिल्ली में 5 फरवरी को लाजपत नगर के समीप जलविहार में एक 24 वर्षीय युवती से बलात्कार की कोशिश करने में नकाम रहने पर अपराधी ने उसके गले में लोहे की राड ही डाल कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। यही नहीं 26 जनवरी की परेड़ में सम्मलित होने आये पूर्वोत्तर की छात्राओं से जिस प्रकार से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से गुवाहाटी जाते समय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जवानों पर छेड़छाड़ किया। इन 9 आरोपी जवानों को मुगलसराय स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया। यही नहीं केवल आम युवक या सामान्य लोग ही इस मामले में जिम्मेदार है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी यानी आईएएस शशिभूषण जो उप्र सरकार के विशेष सचिव (तकनीकी शिक्षा) पर पर आसीन थे उन्होंने अक्टूबर 2012 में गाजियाबाद से लखनऊ समय लखनऊ मेल में सफर कर रही एक युवती से साथ दुष्कर्म की कोशिश जिसको रेल में सुरक्षा बल ने पकडा उसके बाद उसे े जेल भेजा गया। यही नहीं नवम्बर 2012 में भिवानी से कानपुर जाने वाली कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में कानपुर के सेशन जज की पुत्री अपने पति के साथ कानपुर जा रही थी। उसके साथ शिकोहाबाद व मैनपुरी के बीच फतेहगढ़ के मेजर एसडी सिंह मेडिकल काजेल के प्रोफेसर डॉ. जय किशन ने छेड़छाड़ करने के आरोप में फर्रूखाबाद जीआपी थाने में मामला दर्ज किया गया। ऐसे मामले में नेता से लेकर बडे अधिकारी लिप्त होने की खबरे आये दिन समाचार पत्रों में प्रकाशित होने पर भारत में कानून व्यवस्था की स्थिति जगजाहिर हो जाती है।  

देश की सत्ता में आसीन मनमोहनी सरकार के कुशासन से आम जनता की जीना हराम कर रखा है। सत्तासीन कांग्रेस पाटी के नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी ,जनता को सुशासन देने व ऐसे मनमोहनी कुशासकों को हटाने के बजाय घडियाली आंसू बहा कर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे है। मुख्य विपक्षी दल में सरकार के कुशासन के खिलाफ प्रचण्ड संघर्ष करने के बजाय कौन बनेगा प्रधानमंत्री बनने के दीवास्वप्न में खो कर अपने दल व देश की जनता की आशाओं पर बज्रपात कर रहे हैं। परन्तु न तो देश के हुक्मरानों व नहीं देश की जनता में जरा सी भी चू तक हो। विश्व बैंक की एक आर्थिक विकास रिपोर्ट के अनुसार जहां चीन विश्व की सबसे तेजगति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बन गयी है। सन् 2012 में चीन की आर्थिक विकास दर 7.8 रही है। वहीं भारत की 4.5 फीसद रही । एशिया के इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, थाईलैंड और वियतनाम में आर्थिक विकास की रफ्तार दर 5.7 रही. इन देशों से ही नहीं अपितु भारत की विकास की दर से भारत के पडोसी देश बांग्लादेश में विकास दर से भी कम रही।आईएमएफ के रिसर्च विंग के प्रमुख थॉमस हेलबलिंग के अनुसार भारत में गत वर्ष विदेशी निवेश कम हुआ। उन्होंने आशंका जताई है कि अगर भारत में विदेशी निवेश नहीं बढ़ा तो विकास दर और धीमी हो सकती है। हालत इतनी शर्मनाक हो गयी है कि भारत के बडे भू भाग पर चीन ने ही नहीं अपितु पाक ने भी दशकों से कब्जा करा हुआ है। परन्तु क्या मजाल की देश के हुक्मरान इस दिशा में एक कदम भी ठोस उठा रहे है। देश में एक तरफ कुशासन से त्रस्त है। वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों ने सवा सो से अधिक जनपदों में अपनी पेंठ बना कर देश जहां सशस्त्र क्रांति का बिगुल बजा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इस्लामी आतंकियों का जाल बंगलादेशी घुसपेटियों व सत्तालोलुपु खुदगर्ज भ्रष्टनेताओं के कारण पूरे भारत को अपने शिकंजे में जकडते जा रहा है। परन्तु क्या मजाल की अमेरिका, चीन व पाक के बाहरी दुश्मनों के दशकों से भारत को तबाह करने के निरंतर षडयंत्रों के बाबजूद तथा नक्सली व आतंकी खतरों से आकंण्ठ घिरे भारत की ईमानदारी से सुध लेने की इस देश के हुक्मरानों, राजनेताओं व प्रबुद्ध जनों को एक पल की भी फुर्सत तक नहीं है। 

Tuesday, February 5, 2013

33 करोड़ हिन्दू देवी देवताओं के सच पूरा

हम लोगों ख़ास कर मुगलों को इस बात की बहुत बड़ी गलतफहमी है कि हिन्दू सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं. मुस्लिमों की ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें सुनकर तो ऐसा लगता है कि भगवान् ने मूर्खता का सारा ठेका. थोक के भाव में मुगलों को ही दे रखा है. तभी वे, कभी भी अक्ल की बात करते ही नहीं हैं! मुस्लिमों की देखा देखी आज कल उनके सरपरस्त और वर्णसंकर प्रजाति के लोगों को भी (जिसे आधुनिक बोलचाल की भाषा में "सेक्यूलर" भी कहा जाता जाता है) भी ऐसा ही बोलते देखा जा सकता है! 33 कोटि देवी देवता का अर्थ 33 प्रकार होता है और करोड़ भी। लेकिन ऐसा है नहीं और, सच्चाई इसके बिलकुल ही विपरीत है! दरअसल हमारे वेदों में उल्लेख है. 33 "कोटि" देवी-देवता! अब "कोटि" का अर्थ "प्रकार" भी होता है और. "करोड़" भी! तो मूर्खों ने उसे हिंदी में. करोड़ पढना शुरू कर दिया. जबकि वेदों का तात्पर्य. 33 कोटि अर्थात 33 प्रकार के देवी-देवताओं से है. (उच्च कोटि. निम्न कोटि इत्यादि शब्द) तो आपने सुना ही होगा. जिसका अर्थ भी करोड़ ना होकर प्रकार होता है) ये एक ऐसी भूल है. जिसने वेदों में लिखे पूरे अर्थ को ही परिवर्तित कर दिया! इसे आप इस निम्नलिखित उदहारण से और अच्छी तरह समझ सकते हैं! अगर कोई कहता है कि बच्चों को "कमरे में बंद रखा" गया है! और दूसरा इसी वाक्य की मात्रा को बदल कर बोले कि... बच्चों को कमरे में "बंदर खा गया" है! कुछ ऐसी ही भूल. अनुवादकों से हुई अथवा दुश्मनों द्वारा जानबूझ कर दिया गया. ताकि, इसे हाइलाइट किया जा सके! सिर्फ इतना ही नहीं. हमारे धार्मिक ग्रंथों में साफ-साफ उल्लेख है कि. "निरंजनो निराकारो.. एको देवो महेश्वरः" अर्थात इस ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही देव हैं... जो निरंजन... निराकार महादेव हैं...! साथ ही यहाँ एक बात ध्यान में रखने योग्य बात है कि हिन्दू सनातन धर्म. मानव की उत्पत्ति के साथ ही बना है. और प्राकृतिक है. इसीलिए. हमारे धर्म में प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीना बताया गया है. और, प्रकृति को भी भगवान की उपाधि दी गयी है. ताकि लोग प्रकृति के साथ खिलवाड़ ना करें! जैसे कि..गंगा को देवी माना जाता है. क्योंकि.. गंगाजल में सैकड़ों प्रकार की हिमालय की औषधियां घुली होती हैं..! गाय को माता कहा जाता है. क्योंकि गाय का दूध अमृततुल्य. और, उनका गोबर एवं गौ मूत्र में विभिन्न प्रकार की औषधीय गुण पाए जाते हैं! तुलसी के पौधे को भगवान इसीलिए माना जाता है कि... तुलसी के पौधे के हर भाग में विभिन्न औषधीय गुण हैं.! इसी तरह वट और बरगद के वृक्ष घने होने के कारण ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं और, थके हुए राहगीर को छाया भी प्रदान करते हैं...! यही कारण है कि. हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथों में. प्रकृति पूजा को प्राथमिकता दी गयी है. क्योंकि, प्रकृति से ही मनुष्य जाति है. ना कि मनुष्य जाति से प्रकृति है..! कालांतर में ईसाई और इस्लाम सरीखे. बिना सर-पैर वाले सम्प्रदायों के आ जाने के कारण और, उनके द्वारा. प्रकृति का सम्मान नहीं करने के कारण ही. आज हम ग्लोबल वार्मिंग वार्मिंग और, ओजोन परत जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं! अतः. प्रकृति को धर्म से जोड़ा जाना और उनकी पूजा करना सर्वथा उपर्युक्त है. ! यही कारण है कि. हमारे धर्म ग्रंथों में. सूर्य, चन्द्र. वरुण. वायु. अग्नि को भी देवता माना गया है. और, इसी प्रकार. कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैं.! इसीलिए, आप लोग बिलकुल भी भ्रम में ना रहें. क्योंकि. ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही देव हैं. जो निरंजन... निराकार महादेव हैं...! बाकी के ईसा मसीह वगैरह. को संत या महापुरुष कहा जा सकता है. परन्तु भगवान् नहीं!