Blog : आलोचना का भी करें प्रबंधन

चाणक्य ने कहा है "मूर्ख कभी प्रिय नहीं बोलता और स्पष्ट वक्ता कभी धूर्त नहीं होता। आलोचक के आक्षेप तुम्हारे प्रतिकूल नहीं होते।"

Showing posts with label CAG. Show all posts
Showing posts with label CAG. Show all posts

Friday, February 8, 2013

कैग (CAG) के बयान पर कांग्रेस को मिर्ची लगी

कई नीतिगत मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर देने वाले सीएजी विनोद राय ने इस बार सरकार के कामकाज के तरीके पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने देश में नहीं, एक इंटरनैशनल मंच से सरकार पर हमला बोला है। विनोद राय ने कहा कि सरकार करप्शन को खत्म नहीं कर पा रही है। वह उद्योगों को नहीं, उद्योगपतियों को मदद कर रही है।

प्रतिष्ठित हार्वर्ड केनेडी स्कूल में आयोजित एक सेमीनार में गुरुवार को सीएजी ने कहा कि सरकार सीएजी को ऑडिट करने वाले अकाउंटेंट से ज्यादा नहीं समझती, लेकिन सीएजी नौकरशाहों, नेता और पूंजीपतियों के बीच सांठगांठ का पर्दाफाश करता रहेगा। विनोद राय ने कहा कि सरकार को उद्योगों को समर्थन करने वाली नीतियां बनानी चाहिए, ना कि किसी खास पूंजीपति के समर्थन के लिए नीतियां बने।

कांग्रेस ने कैग के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के महासचिव दिग्विज सिंह ने कहा, 'कैग का काम ऑडिट करना है। कैग पॉलिसी बनाने लगेगा तो हमलोग क्या करेंगे? क्या वह पीएम बनना चाहते है?' दिग्विजय ने कहा कि विनोद राय जी को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। कैग अगर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो चुनाव लड़े और नीतियां बनाएं। कांग्रेस प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी कैग की सीमा में रहकर काम करने की सलाह दी।

राय ने कहा कि हम (कैग) करप्शन को तो पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते, लेकिन अफसरों-उद्योगपतियों के गठजोड़ को उजागर करते रहेंगे। 2जी और कोयला घोटाला संबंधी अपनी रिपोर्ट को लेकर सरकार के निशाने पर रहे विनोद राय ने कहा कि सीएजी की भूमिका सिर्फ संसद के सामने रिपोर्ट पेश करने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें उससे आगे जाकर अपनी रिपोर्ट की मदद से जनता को जागरूक करने का काम भी करना है।

अधिकार क्षेत्र उल्लंघन करने संबंधी आरोपों की चर्चा करते हुए सीएजी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र परिपक्व हो रहा है। शहरी मध्यम वर्ग जनसमस्याओं को लेकर अब तेजी से गोलबंद होने लगा है। ऐसी स्थिति में हम नई राह पर यह सोच कर चल रहे हैं कि जनता का हित सबसे पहले है और हमें जनहित में काम करना है।


भारत में लोकतंत्र खत्म हो चुका है, सिर्फ भ्रष्टतंत्र शेष रह गया है वित्त मंत्री की पोस्ट की गरिमा खोती जा रही है हर मंत्री चमचागिरी में लगा है. इतने बड़े संविधानिक प पर बेठे अफसर को दिग्विजय सिंह द्वारा लेखाकार कहना विनोद राय जी का अपमान है. राय जी को दिग्विजय सिंह के खिलाफ मान हानि का केस दर्ज कराना चाहिये. यह जानबूझकर अपमान किया गया है. देश की जनता विनोद राय जी पर भरोसा करती है. दिग्विजय सिंह कांग्रेस का एक प्रवक्ता है ओर कोई हेसियत नही है. राय जी ने सच क्या बोल दिया की कांग्रेसी हद मे रहने की धमकी देने लगे है. यह लोकतंत्र का तमाशा नही तो ओर क्या है ? एसए लोगो को देश की जनता सबक़ सिखाने के लिये तैयाआर बेठी है.

समग्र क्रांति जब तक नहीं होती कुछ नहीं हो सकता, देश को इन्होने अपनी जागीर समझ लिया है. मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है, हुँकारों से महलों की नींव उखड जाती, सांसो के बल से ताज हवा में उड़ते हैं, दो राह समय के रथ का घर्घर नद सुनो, सिंहासन खाली करो की जनता आती