Blog : आलोचना का भी करें प्रबंधन

चाणक्य ने कहा है "मूर्ख कभी प्रिय नहीं बोलता और स्पष्ट वक्ता कभी धूर्त नहीं होता। आलोचक के आक्षेप तुम्हारे प्रतिकूल नहीं होते।"

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Tuesday, August 13, 2013

चंद रुपए के लिए लाशों संग शर्मनाक सलूक, देखें पुलिस का बेशर्म चेहरा!

शव जिसे हिन्दू धर्म में शिव की संज्ञा दी गयी, इस्लाम में पवित्र माना गया है। वर्दी पहन कर कानून का पालन करने और करवाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने की कसम खाने वाले पुलिस कर्मी अब इतने बेशर्म हो गए है कि लाशो के दाह संस्कार का भी रुपया हजम कर जा रहे है।

उत्तर प्रदेश के पुलिस का एक और बेशर्म चेहरा उस समय सामने आया जब एक लावारिस लाश को ठिकाने लगाने के लिए बड़ी ही बेहरमी से पत्थर बांधकर गंगा में डूबो दिया गया। पुलिस वालों ने सबसे पहले इस लावारिस लाश को बेहरहमी से कपड़ों में बांध लिया था। रिक्शे वाले की मदद से लाश को गंगा घाट के किनारे तक लाया गया।

मामला कटरा कोतवाली थाने का है, जहां मिली एक लावारिश लाश को पुलिस कर्मियों ने दाह संस्कार के बजाय गंगा नदी में पत्थर बांधकर बहा दिया। इसके लिए मात्र खर्च हुए पचास रुपए। लाश को ठिकाने लगाने वाले सरजू ने बताया अब तक वो लगभग दस से अधिक लाशों को इसी तरह से ठिकाने लगा चुका है। पुलिस वालों को सत्ताईस सौ रुपए दाह संस्कार के लिए मिलता है। पर पुलिस कहती है तुम ले जाकर फेंको जो होगा समझ लेंगे। इस काम में पुलिसकर्मी भी मदद कर देते हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस के दरिंदगी और गुंडई के तमाम मामले सामने आते रहते हैं। पर अब उत्तर प्रदेश की पुलिस बेशर्म भी हो गयी है। इतनी बेशर्म की लावारिस लाश के दाह संस्कार के लिए मिलने वाली रकम भी हजम कर जा रही है। लाश को पत्थर से बांध कर गंगा नदी में बहा दिया जा रहा है। पुलिस कर्मी से जब सवाल किया गया तो वो भागने लगा और बोला केवल ड्यूटी कर रहा था।

किश्तवाड़ में हिंसा ?

ये हकीकत कोई मिडिया नही दिखायेगी क्योकि हिन्दू जो मर रहा हैं! अभी तक जिसे एक दुर्घटना के रूप में चित्रित किया जा रहा है वो और कुछ नहीं बल्कि किश्तवाड़ के हिन्दुओ पर एक सुनियोजित हमला है. जिसमे हिन्दुओ को पीटा गया और उन पर बिना किसी वजह से बेबुनियाद आरोप तक लगाये गए! भारतीय कुत्तों, वापस जाओ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए अचानक ही पूरी भीड़ कुलदीप चौक की तरफ भागी और पुरे बाजार में आग लगाना शुरू कर दिया और वहां रह रहे स्थानीय वासियों पर पत्थर भी फेके गए एवं कुछ नवयुको पर AK47 से भी गोलिया चलायी गयी! CRPF की एक पूरी कंपनी इस चौक पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया क्योकि उपर से दस घंटे तक उत्पात मचाने की पूरी छूट का ईद का तोहफा था और CRPF के जवान सिर्फ मूक दर्शक बनकर देखते रहे। और जहा तक JKP और JKAP / IRP का सवाल है तो वे खुले तौर पर मुस्लिम भीड़ का समर्थन कर रहे थे! DYSP फारूक कैसर एसडीपीओ किश्तवाड़, डी वाई. सपा मुश्ताक अहमद, एसआई नईम माटो और उनके PSOs माट्टा द्वारा खुलेआम कलदीप चौक पर हिंदूओ के उपर AK47 और पिस्तौल द्वारा गोलियां चलाईं जो उनके गांवों में मुसलमानों के प्रवेश को रोकने के लिए कोशिश कर रहे थे. डिप्टी SP फारुक केसर से कुछ 10 फिट की दूरी पर खड़े एक आतंकवादी द्वारा भी गोलिया चल जा रही थी और बजाये उससे हथियार छिनने के उन्होंने खुद माट्टा ने हिन्दुओ पर गोलिया चलना शुरू कर दिया! गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू द्वारा खुले तौर पर मुस्लिमो को समर्थन किया गया एवं सभी पुलिस की गतिविधियों को सीमित कर हमलावर भीड़ को उकसाया. किश्तवाड़ - डोडा के डीआईजी रामबन रेंज अशखूर वानी श्री राज्यमंत्री एक परिवीक्षाधीन के रूप में सही किश्तवाड़ में उनकी नियुक्ति से कड़वा संबंध है जिनके साथ पुलिस श्री सुनील गुप्ता की एक सक्षम वरिष्ठ अधीक्षक को प्रतिबंधित करने के कारणवश किश्तवाड़ में बुलाया गया था. भीड़ में मुस्लिमो द्वारा AK47 तक का प्रयोग किया गया! जिससे यह समझने में देर नही लगती कि यह नरसंहार पूर्व प्रायोजित था! सज्जाद अहमद किचलू के खुद के परिवार के सदस्यों द्वारा भी फायरिंग की गयी! सज्जाद अहमद किचलू. उप सपा फारूक कैसर, उप. सपा डार मुश्ताक अहमद और एसआई नईम माटो ने खुले तौर पर हिन्दुओ के घरों और दुकानो और डाक बंगला, शहीदी सड़क और अमर बाजार में अन्य सभी संस्थाओं के रूप में हिंदू संपत्ति को नुकसान पहुचाने में मुस्लिम भीड़ का समर्थन किया! मुख्यमंत्री अमर अब्दुल्ला ने किश्तवाडा में किसी भी मिडिया एवं अन्य दलों के नेताओ के वहां जाने पर प्रतिबन्ध तक लगा दिया हैं !!! सेना सुबह मौका ए वारदात पर पहुंच गयी थी मगर उसे कोई आदेश नही दिया गया जिसके फलस्वरूप किश्तवाड़ में ईद पर हिन्दुओ के खून से होली लिखी गयी और AK47 जैसे खतरनाक हथियारो से दिवाली मनाई गयी! कल नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली को भी वहाँ नही जाने दिया और एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया! किश्तवाड़ को पूरी तरह से जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया गया हैं जो मुस्लिम समर्थक और हिन्दू विरोधी हैं! सेना की इसमें कोई मदद नही ली गयी, बस नाम के लिए ईद की शाम को कुछ जगह पर तैनात किया गया !!! यह सच आप किने लोगो को बता पाते हैं, अब यह आप पर निर्भर हैं !!! सभी तथ्य सत्य हैं और जम्मू के उधमपुर से मित्र मनोज अग्रवाल जी ने उपलब्ध करवाए हैं!

Friday, February 15, 2013

अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी (AMU) के 60 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सोनिया गांधी

अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के 16 फरवरी को होने वाले 60 वें दीक्षांत समारोह की सभी तैयारी पूरी है इसके साथ ही यह सवाल भी तैरने लगे हैं कि मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आने का राजनीतिक सबब क्या है? वैसे फिलहाल तो सोनिया के एएमयू में आने से कांग्रेस और यूनिवर्सिटी दोनों ही पक्षों को फायदा होता दिखाई दे रहा है।

यूनिवर्सिटी प्रशासन को लग रहा है कि सोनिया चूंकि सत्तारूढ़ यूपीए की अध्यक्ष हैं इसलिए विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे की बहाली की राह उनके आने से आसान होगी। दूसरी ओर सन 2014 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दीक्षांत समारोह में शामिल होकर सोनिया देश के अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं में एक संदेश भी देना चाहती हैं, जिससे उनका झुकाव वह पार्टी की ओर कर सकें।

वैसे राहत की बात यह है कि इस दीक्षांत समारोह की राह में सोनिया गांधी के लिए कुछ दिनों पहले तक दिखाई दे रहे रुकावट के पत्थर हट चुके हैं। कुछ दिन पहले हुए छात्र संघ चुनाव में मुखर रहा अल्पसंख्यक दर्जे का मुद्दा सोनिया के समक्ष रखने पर सहमति हो चुकी है। जबकि इससे पहले घोषणाएं की गईं कि पहले दर्जे बहाली की घोषणा हो तब वह कैंपस में कदम रखें।

सब कुछ ठीक ही था कि संसद हमले के मास्टर माइंड अफजल गुरू की फांसी के बाद एएमयू का माहौल सरमगर्म हो गया था। विश्वविद्यालय के कश्मीरी छात्रों ने नमाज-ए-जनाजा (गायबाना) पढ़ी। एक दिन बाद फांसी के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकाला। लेकिन जल्द ही उन्हीं की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि सोनिया के आगमन से उनका कोई विरोध नहीं है, उनका यहां स्वागत है। अब सब कुछ ठीक हो चला है।

वहीं, जानकारों का मानना है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक स्वरुप बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरोकारी का वादा कर सकती हैं। लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पास न होने के बारे में उनका तर्क यह हो सकता है कि सदन में उनके पास दो तिहाई बहुमत नहीं है। इसके अलावा यहां शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सौगात की घोषणा भी कर सकती हैं।

देखना यह है कि दीक्षांत समारोह के बाद विश्वविद्यालय को इस मेजबानी के एवज में क्या मिलता है? और 2014 में कांग्रेस को सोनिया के विश्वविद्यालय में आने का क्या फायदा मिलता है? यह अभी भविष्य की बात है।

Thursday, February 14, 2013

केंद्र सरकार गोमांस खाने को बढ़ावा दे रही

आयरन की कमी के लिए गाय का मीट खाना चाहिए, ये कथन छापने वाली केंद्र सरकार के अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्रालय की किताब 'पोषण' विवादों में घिर गई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने वोट बैंक तुष्‍टीकरण के लिए आयरन की कमी पूरी करने के नाम पर गोमांस खाने का प्रचलन बढ़ा कर घोर पाप किया है। पार्टी इस मुद्दे को संसद में भी उठाएगी। मेरठ में बुधवार को भाजपाइयों ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ही गोमांस के बारे में ऐसा लिखा गया है।
जो सरकार गौ मांस खाने की बात करे उससे गौरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है. जी हाँ कांग्रेस मुस्लिम वोट को खुश करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है. केंद्र सरकार का अल्पसंख्यक एवं राष्ट्रीय जनसहयोग एवं बाल विकास मंत्रालय उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शरीर में ऑक्सीजन संचरण और खून बनाने के लिए गाय का मांस खाने की सलाह दे रहा है। यह सलाह बाकायदा बुकलेट वितरित करके दी जा रही है। मवाना कस्बे में ये बुकलेट सामने आए हैं।
यह किताब हिन्दुओं को भड़काने वाली और उनकी भावनावों से खिलवाड़ है। मुस्लिमों के खिलाफ कुछ भी छपते ही या फिल्म के एक डायलाग पे ही मरने मारने पे उतारू हो जाते है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय कोई मुस्लिम मंत्रालय नहीं बल्कि उसमें सिख/पारसी और दूसरे धर्म भी शमिल है। हिन्दू धर्म मे गोमांस (हराम) है फिर क्यो हमारी भावना को आहत किया जाता है? हिन्दू गाय को लेकर ही पिछले 1300 साल से मुसलमानो से मानसिक तौर से कभी नहीं जुड़ा और इस कौम को अजनबी ही आज तक माना जाता रहा है। आयरन बढने के लिय गाय खाई जाये यह कही नहीं लिखा है, आयरन बढ़ाने के और भी उपाय है। पर इस पुस्तक का उद्देश सिर्फ हिन्दुवों को भड़काने और नीचा दिखाने के लिय ही किया या है। हिन्दू में मांसाहार वर्जित नहीं है पर हिन्दू स्मृतिकारों ने साफ लिखा गकि (जिस पशु से श्रम (मेहनत) लिया गया हो उसका वध निषेध (हराम) है। हम अहसान फरामोश नहीं है, इसलिय सभी घरेलू प्राणी जिससे श्रम (लेबर) के रूप में लिया गया हो उशका वध नहीं सकता। इस प्रकार गाय ही नहीं बल्कि ऊंट, गधा, घोडा, भैंस बैल सब हराम हो गए। दूसरे जीव स्म्रतिकारों के अनुसार जिस जानवर के हाथ मे पाँच नाखून (पंच नखा वर्जित) है जैसे भालू, बंदर, गोह, कूत्ता, स्वय इंसान, इन सब का मांसाहार वर्जित (हराम) है। इस्लाम मे सुवर (पिग) को छोड़ कर सब को हलाल (जायज़) कर दिया यानि आदमी को भी हलाल है और उसका मांस भी उचित है संक्षेप मे हिन्दू धर्म मे जिस पशु से श्रम (लेबर) लिया हो और पंच नखा (पाँच नाखून वाला जीव) वर्जित है। मुसलमानो मे गाय का क़तल के ऊपर एक पूरा सूरा है। सूरा-बकरा, अरबी मे बकरा का मतलब गाय ही होता है। यहूदी लोग सुवर, ऊंट, खरगोस का मांश वर्जित पर अरबों मे ऊंट का मांस प्रिय था इसलिय अपनी पसंद कि हर चीज़ हलाल (जायज) हो गयी और नापसंद कि चीज़ हराम (नाजायज) हो गयी और समर्थन मे पप्पट अल्लाह कि मोहर लगवा दी। इस पुस्तक को तत्काल प्रतिबंधित कि जाए और दोषी को जेल भेजा जाए।

Friday, February 8, 2013

उत्तर प्रदेश में सरकारी पैसे से सैक्स वर्धक दवाइयाँ…

आगरा: सिटी मजिस्‍ट्रेट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि दिल्‍ली में एक डीएम और कमिश्‍नर के नाम पर खरीदी गई अधिकतर दवाएं सेक्‍स ताकत बढ़ाने वाली थीं। सिटी मजिस्‍ट्रेट ने जिला अस्‍पताल के दवा स्‍टोर में पड़ताल की है। उन्‍होंने वर्ष 2011-12 में दवाओं के लोकल पर्चेज से जुड़े नौ रजिस्‍टर देखे। रजिस्‍टर के हर पेज पर सादी पर्ची में दवा और मरीज का नाम लिखा था।कई पर्चियों पर ओवर राइटिंग मिली है।सिटी मजिस्‍ट्रेट ने पाया कि काफी मात्रा में सेक्‍स और शारीरिक ताकत बढ़ाने वाली दवाएं भी ली गई थीं। हालांकि अब तक सिटी मजिस्‍ट्रेट राजकुमार ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है। उनका कहना है कि अभी रिर्पोट जमा करवाने में थोड़ा वक्त लगेगा।

कैग (CAG) के बयान पर कांग्रेस को मिर्ची लगी

कई नीतिगत मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर देने वाले सीएजी विनोद राय ने इस बार सरकार के कामकाज के तरीके पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने देश में नहीं, एक इंटरनैशनल मंच से सरकार पर हमला बोला है। विनोद राय ने कहा कि सरकार करप्शन को खत्म नहीं कर पा रही है। वह उद्योगों को नहीं, उद्योगपतियों को मदद कर रही है।

प्रतिष्ठित हार्वर्ड केनेडी स्कूल में आयोजित एक सेमीनार में गुरुवार को सीएजी ने कहा कि सरकार सीएजी को ऑडिट करने वाले अकाउंटेंट से ज्यादा नहीं समझती, लेकिन सीएजी नौकरशाहों, नेता और पूंजीपतियों के बीच सांठगांठ का पर्दाफाश करता रहेगा। विनोद राय ने कहा कि सरकार को उद्योगों को समर्थन करने वाली नीतियां बनानी चाहिए, ना कि किसी खास पूंजीपति के समर्थन के लिए नीतियां बने।

कांग्रेस ने कैग के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के महासचिव दिग्विज सिंह ने कहा, 'कैग का काम ऑडिट करना है। कैग पॉलिसी बनाने लगेगा तो हमलोग क्या करेंगे? क्या वह पीएम बनना चाहते है?' दिग्विजय ने कहा कि विनोद राय जी को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। कैग अगर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो चुनाव लड़े और नीतियां बनाएं। कांग्रेस प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी कैग की सीमा में रहकर काम करने की सलाह दी।

राय ने कहा कि हम (कैग) करप्शन को तो पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते, लेकिन अफसरों-उद्योगपतियों के गठजोड़ को उजागर करते रहेंगे। 2जी और कोयला घोटाला संबंधी अपनी रिपोर्ट को लेकर सरकार के निशाने पर रहे विनोद राय ने कहा कि सीएजी की भूमिका सिर्फ संसद के सामने रिपोर्ट पेश करने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें उससे आगे जाकर अपनी रिपोर्ट की मदद से जनता को जागरूक करने का काम भी करना है।

अधिकार क्षेत्र उल्लंघन करने संबंधी आरोपों की चर्चा करते हुए सीएजी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र परिपक्व हो रहा है। शहरी मध्यम वर्ग जनसमस्याओं को लेकर अब तेजी से गोलबंद होने लगा है। ऐसी स्थिति में हम नई राह पर यह सोच कर चल रहे हैं कि जनता का हित सबसे पहले है और हमें जनहित में काम करना है।


भारत में लोकतंत्र खत्म हो चुका है, सिर्फ भ्रष्टतंत्र शेष रह गया है वित्त मंत्री की पोस्ट की गरिमा खोती जा रही है हर मंत्री चमचागिरी में लगा है. इतने बड़े संविधानिक प पर बेठे अफसर को दिग्विजय सिंह द्वारा लेखाकार कहना विनोद राय जी का अपमान है. राय जी को दिग्विजय सिंह के खिलाफ मान हानि का केस दर्ज कराना चाहिये. यह जानबूझकर अपमान किया गया है. देश की जनता विनोद राय जी पर भरोसा करती है. दिग्विजय सिंह कांग्रेस का एक प्रवक्ता है ओर कोई हेसियत नही है. राय जी ने सच क्या बोल दिया की कांग्रेसी हद मे रहने की धमकी देने लगे है. यह लोकतंत्र का तमाशा नही तो ओर क्या है ? एसए लोगो को देश की जनता सबक़ सिखाने के लिये तैयाआर बेठी है.

समग्र क्रांति जब तक नहीं होती कुछ नहीं हो सकता, देश को इन्होने अपनी जागीर समझ लिया है. मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है, हुँकारों से महलों की नींव उखड जाती, सांसो के बल से ताज हवा में उड़ते हैं, दो राह समय के रथ का घर्घर नद सुनो, सिंहासन खाली करो की जनता आती

Thursday, February 7, 2013

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मामले को बार-बार टाले जाने पर सीबीआई को जमकर फटकार लगाई है।

अयोध्या मे बाबरी ढांचे के विध्वंश को राष्ट्रीय अपराध कहने पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सी.बी.आई. को फटकार लगाना स्वागत योग्य है। एक बार पुनः साबित हो चुका है कि सी.बी.आई. कांग्रेस पार्टी के एजेण्ट के रूप में कार्य कर रहा है। मा0 उच्चतम न्यायालय की यह फटकार प्रयागराज महाकुम्भ में देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल एवं धर्म संसद में हुये पारित प्रस्तावों की पुष्टि करता है।

सी.बी.आई. कांग्रेस के एजेण्ट के रूप में कार्य करते हुये केवल राजनीतिक विद्वेष की भावना से देश के धर्माचार्यो तथा प्रमुख हिन्दू नेताओं को जबरन मुकदमों में फॅसाकर हिन्दुओं को अपमानित कर रही है। इससे प्रयागराज महाकुम्भ में धर्माचार्यो मे व्यापक आक्रोश है। गोरक्षपीठाधीश्व­र पूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की अध्यक्षता में देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल द्वारा जो छः प्रस्ताव पारित किये, उनमें से अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मन्दिर का निर्माण, धर्मान्तरण की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को पूर्ण प्रतिबन्धित करना, गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के लिये केन्द्रीय कानून बनाना, गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिये नये सिरे से अभियान प्रारम्भ करना, अवैध घूसपैठ एवं जेहादी आतंकवाद के खिलाफ व्यापक जनजागरण के माध्यम से राष्ट्र की आन्तरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने सम्बन्धित प्रस्ताव पारित किये गये जिसकी पुष्टि देश के 10000 संतो की धर्म संसद ने प्रयागराज महाकुम्भ में किया है।
अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ न होना इस देश के 100 करोड़ हिन्दू जनता का अपमान है। इसके लिये कांग्रेस एवं वे तथाकथित राजनीतिक दल जिम्मेदार है जिन्होनें हिन्दुओं को अपमान करना एकमात्र अपना उद्देश्य बना लिया है। जो लोग इससे पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से सम्बन्धित प्रमाण मांगते थे, आज वे मौन क्यो है? स्वंय सन् 1994 में कांग्रेस की तत्कालीन केन्द्र सरकार ने मा0 उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र दाखिल किया था कि अगर यह साबित हो गया कि विवादित ढांचा किसी मन्दिर या हिन्दू स्मारक को तोड़ कर बनाया गया था तो सरकार हिन्दू भावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी और अगर यह साबित नही हो पाया तो मुसलमानों केे भावनाओं का सम्मान होगा। इस शपथ पत्र के आलोक में दिनांक 30 सितम्बर,2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायलय के लखनऊ खण्डपीठ की एक पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में इस बात को स्पष्ट कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल ही प्राप्त साक्ष्यों एवं प्रमाणों के आधार पर श्रीराम जन्मभूमि है। कांग्रेस नेतृत्व की यू.पी.ए. सरकार को सन् 1994 के अपने शपथ पत्र का संज्ञान लेना चाहिये तथा हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुये अब संसद में प्रस्ताव पारित कर श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ करनी चाहिये। अगर अब भी हिन्दु भावनाओं के खिलाफ कार्य करने से केन्द्र और प्रदेश सरकार बाज नही आई तो धर्म संसद का अन्तिम संकल्प है भीषण संघर्ष। धर्म संसद एवं देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल ने देश में लगातार बढ़ रही हिन्दू विरोधी गतिविधियों पर चिन्ता व्यक्त की और उसके लिये चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से अक्षय तृतीया तक व्यापक जनजागरण का अभियान अपने हाथो में लिया है। हम व्यापक जनजागरण के माध्यम से हिन्दू एकता का मार्ग प्रशस्त करनें और जरूरत पड़ेगी तो किसी हिन्दू विरोधी गतिविधि का मुॅहतोड़ जवाब भी देगें।
बाबरी ढांचों के विध्वंश को सी.बी.आई. द्वारा राष्ट्रीय अपराध कहने की निन्दा की तथा मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा सी.बी.आई. को फटकार का स्वागत करते हुये आशा व्यक्त किया कि धर्म संसद और माननीय उच्चतम न्यायालय की फटकार से कांग्रेस नेतृत्व की आखें खुलेंगी।

Wednesday, February 6, 2013

दिल्ली: इस बार विदेशी महिला हुई दुष्कर्म की शिकार

बीती रात एक 23 साल की विदेशी महिला ने अपने भारतीय दोस्त पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में हौज़ ख़ास थाने में मामला भी दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी का नाम तारिक शेख़ है। 28 साल का तारिक एक मैनेजमेंट स्टूडेंट हैं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। लड़की के देश की एंबेसी को भी घटना की सूचना दे दी गई है। कहा जा रहा है कि पीड़ित गुड़गांव की एक कंपनी में बतौर ट्रेनी काम करती है।

विदेशी लडकी से हुए इस काण्ड के बलात्कारी को भले ही पुलिस ने दबोच लिया है परन्तु भारत की छवि पूरे विश्व में 16 दिसम्बर को देश की राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीया छात्रा के साथ हुए सामुहिक बलात्कार से दागदार हुई थी, अब इसके दो माह अंदर निरंतर हो रहे बलात्कार की घटनाओं के बाद विदेशी लडकी के साथ हुए बलात्कार की घटना ने पूरे विश्व के लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि भारत की सरकार आखिर कर क्या रही है। क्यों सरकार कडे से कडे कदम उठा कर इस प्रवृति को जमीदोज कर रही है। कई देशों से अपने भारत जाने वाले नागरिकों को यहां पर सावधानी बरतने की हिदायत तक जारी कर दी है। दामिनी प्रकरण से जो जनाक्रोश पूरे देश में उमडा था उसके बाद भी इसके दोषियों को सजा देने में देश के हुक्मरान कितने अनमने ढंग से काम कर रहे है। कभी अपराधी को उम्र की ढाल तो कभी मानवाधिकार वाली ढाल का प्रयोग करके देश की जनता का आक्रोश बढा रहे है। अगर यहां कानून व्यवस्था कडी होती तो 6 फरवरी को रेप के लिए कुख्यात हो चूके हौजखास इलाके में 23 साल की चीन की लड़की के साथ पार्टी ऑर्गेनाइजर तारिक शेख करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता व नहीं दिल्ली में 4 फरवरी को लाजपत नगर के समीप जलविहार में एक 24 वर्षीय युवती से बलात्कार की कोशिश करने में नकाम रहने पर अपराधी ने उसके गले में लोहे की राड ही डाल कर गंभीर रूप से घायल करने की हिम्मत ही जुटाता। 3 फरवरी को उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में 20 साल की एक युवती को उसके मकान मालिक के बेटे व उसके दो साथियों ने धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर तीन युवकों द्वारा गैंग रेप किया। यही नहीं 26 जनवरी की परेड़ में सम्मलित होने आये पूर्वोत्तर की छात्राओं से जिस प्रकार से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से गुवाहाटी जाते समय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जवानों पर छेड़छाड़ किया। इन 9 आरोपी जवानों को मुगलसराय स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया। यही नहीं केवल आम युवक या सामान्य लोग ही इस मामले में जिम्मेदार है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी यानी आईएएस शशिभूषण जो उप्र सरकार के विशेष सचिव (तकनीकी शिक्षा) पर पर आसीन थे उन्होंने अक्टूबर 2012 में गाजियाबाद से लखनऊ समय लखनऊ मेल में सफर कर रही एक युवती से साथ दुष्कर्म की कोशिश जिसको रेल में सुरक्षा बल ने पकडा उसके बाद उसे जेल भेजा गया।