Friday, February 8, 2013

इस्लाम का उदृदेश्य आतंक और सेक्स है



इस्लाम का उदृदेश्य आतंक और सेक्स है यह मेरा कहना नही है किन्तु जब इस्लाम से सम्बन्धित ग्रंथो का आध्ययन किया जाये तो प्रत्यक्ष रूप ये यह बात सामने आ ही जाती है | कि घूम फिर कर अल्लाह को खुश करने के लिये जगह पर आंतक फैलाने और उनके अनुयायियों खुश करने के लिये सेक्स की बात खुल कर कही जाती है | इस्लाम के पवित्र योद्धाओ (आतंकियो) को यौन-सुखों और भोगविलास के असामान्य विशेषाधिकार दिए गए हैं | यदि वे लड़ाई के मैदान में जीवित रह जाते हैं तो उनके लिए गैर-मुसलमानों की स्त्रियाँ रखैलों के रूप में सुनिश्चित हो जाती हैं | लेकिन यदि वे युद्ध के मैदान में मारे जाते हैं तो वे 72 हूरियों से भरे 'जन्नत' के अत्यन्त विलासिता पूर्ण वातावरण में निश्चित रूप से प्रवेश के अधिकारी हो जाते हैं | अल्लाह को खुश करने के लिये कई जगह मुर्तिपूजको तथा गैर-मुसलमानों की संहार योजना में भाग लेने के बदले में यौन-सुखों के प्रलोभनों का वायदा किया जाता है जैसे कि यदि वह (आतंक फैलाने वाला ) युद्ध भूमि की कठिन परिस्थितियों मारा गया तो उसे 'जन्नत' में उसकी प्रतीक्षा कर रहीं अनेक हूरों के साथ असीमित भोगविलासों एवं यौन-सुखों का आनंद मिलेगा, और यदि वह जीवित बचा रहा तो उसको 'गैर-ईमान वालों' के लूट के माल, जिसमें कि उनकी स्त्रियाँ भी शामिल होंगी, में हिस्सा मिलेगा | इन आतंकियो को कितनी अच्छी तरह से हूरो का लालच दे कर बरगलाया जा रहा है हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ.(35-40) में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन इस प्रकार है

  • हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है | उसकी हड्डियों में बहने वाला द्रव्य इसी प्रकार दिखाई देता है जैसे रूबी और मोतियों के अंदर की रेखाएँ दिखती हैं | वह एक पारदर्शी सफेद गिलास में लाल शराब की भाँति दिखाई देता है |

  • उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है |

  • प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है | उसके उरोज उन्नत गोल और बडे होते हैं जो झुके हुए नहीं हैं | हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं |

  • हूर यदि 'जन्नत' में अपने आवास से पृथ्वी की ओर देखे तो सारा मार्ग सुगंधित और प्रकाशित हो जाता है |

  • हूर का मुख दर्पण से भी अधिक चमकदार होता है, तथा उसके गाल में कोई भी अपना प्रतिबिंब देख सकता है | उसकी हड्डियों का द्रव्य ऑंखों से दिखाई देता है |

  • प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको 72 हूरें दी जाएँगी | जब वह 'जन्नत' में प्रवेश करता है, मरते समय उसकी उम्र कुछ भी हो, वहाँ तीस वर्ष का युवक हो जाएगा और उसकी आयु आगे नहीं बढ़ेगी |
अब भाई अब जब हूर इतनी खूब होगीं तो कोई क्यो न अल्लाह के लिये मरने को तैयार होगा, इन आतंकियो का यही मकसद होता है कि घरती पर उनके विलास के लिये अल्लाह द्वारा दिया गया मसौदा तो तैयार ही है और जन्नत में भी हूरे उनका इन्जार कर रही है | सोने पर सुहागा हदीस तिरमिज़ी खंड-2 (पृ.138) करती है कि ''जन्नत में एक पुरुष को एक सौ पुरुषों के बराबर  की ताकत दिया जायेगा| भारत और पाकिस्तान मे 90 % के लगभग मुस्लिम हिन्दू धर्म परिवर्तन से हुये है, इतिहास गवाह है की ओरंगजेब ने कितने मुस्लिम बनाये. जो कायर थे उन्होने अपना धर्म बदला और जो वीर थे वो लड़े, शहीद हुये. पर झुके नही. फिर एक देश अलग हुआ, पर उसमे तो बहुतायत कायरो की है. भला वो कैसे हमसे युद्ध जीत सकता है, इतिहास इस चीज का भी गवाह है की आज तक हमसे पाकिस्तान किसी भी यद्ध मे नही जीत सका, जबकि हमने उसका भूगोल ही बदल दिया. तभी वो आतंकवादियो को भेजते है, बेगुनाह लोगो पर हमला करते है, अरे हिम्मत है तो सामने आकर लड़ो. हम शान्ती के दूत है, लेकिन कोई हमारे स्वाभिमान को चोट पहुँचायेगा तो हम चुप नही रहेंगे, फिर कहेंगे की अंतिम एक चुनौती दे दो सीमा पर पड़ोसी को गीदड़ कायरता ना समझे सिंहो की ख़ामोशी को, तीर अगर हम तनी कमानों वाले अपने छोड़ेंगे जैसे ढाका तोड़ दिया लौहार-कराची तोड़ेंगे, हमको अपने खट्टे-मीठे बोल बदलना आता है हमको अब भी दुनिया का भूगोल बदलना आता है.

2 comments:

  1. Be-Buniyad Baatein hai yeh, ISlam ka Gehan Adhyyan Kijiye Janab uske bad POST kare...
    Astagh-firullah...

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  2. such yahi hai mera bhi ek huslim friend ne bataya hai .

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