Blog : आलोचना का भी करें प्रबंधन

चाणक्य ने कहा है "मूर्ख कभी प्रिय नहीं बोलता और स्पष्ट वक्ता कभी धूर्त नहीं होता। आलोचक के आक्षेप तुम्हारे प्रतिकूल नहीं होते।"

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Tuesday, August 13, 2013

चंद रुपए के लिए लाशों संग शर्मनाक सलूक, देखें पुलिस का बेशर्म चेहरा!

शव जिसे हिन्दू धर्म में शिव की संज्ञा दी गयी, इस्लाम में पवित्र माना गया है। वर्दी पहन कर कानून का पालन करने और करवाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने की कसम खाने वाले पुलिस कर्मी अब इतने बेशर्म हो गए है कि लाशो के दाह संस्कार का भी रुपया हजम कर जा रहे है।

उत्तर प्रदेश के पुलिस का एक और बेशर्म चेहरा उस समय सामने आया जब एक लावारिस लाश को ठिकाने लगाने के लिए बड़ी ही बेहरमी से पत्थर बांधकर गंगा में डूबो दिया गया। पुलिस वालों ने सबसे पहले इस लावारिस लाश को बेहरहमी से कपड़ों में बांध लिया था। रिक्शे वाले की मदद से लाश को गंगा घाट के किनारे तक लाया गया।

मामला कटरा कोतवाली थाने का है, जहां मिली एक लावारिश लाश को पुलिस कर्मियों ने दाह संस्कार के बजाय गंगा नदी में पत्थर बांधकर बहा दिया। इसके लिए मात्र खर्च हुए पचास रुपए। लाश को ठिकाने लगाने वाले सरजू ने बताया अब तक वो लगभग दस से अधिक लाशों को इसी तरह से ठिकाने लगा चुका है। पुलिस वालों को सत्ताईस सौ रुपए दाह संस्कार के लिए मिलता है। पर पुलिस कहती है तुम ले जाकर फेंको जो होगा समझ लेंगे। इस काम में पुलिसकर्मी भी मदद कर देते हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस के दरिंदगी और गुंडई के तमाम मामले सामने आते रहते हैं। पर अब उत्तर प्रदेश की पुलिस बेशर्म भी हो गयी है। इतनी बेशर्म की लावारिस लाश के दाह संस्कार के लिए मिलने वाली रकम भी हजम कर जा रही है। लाश को पत्थर से बांध कर गंगा नदी में बहा दिया जा रहा है। पुलिस कर्मी से जब सवाल किया गया तो वो भागने लगा और बोला केवल ड्यूटी कर रहा था।

किश्तवाड़ में हिंसा ?

ये हकीकत कोई मिडिया नही दिखायेगी क्योकि हिन्दू जो मर रहा हैं! अभी तक जिसे एक दुर्घटना के रूप में चित्रित किया जा रहा है वो और कुछ नहीं बल्कि किश्तवाड़ के हिन्दुओ पर एक सुनियोजित हमला है. जिसमे हिन्दुओ को पीटा गया और उन पर बिना किसी वजह से बेबुनियाद आरोप तक लगाये गए! भारतीय कुत्तों, वापस जाओ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए अचानक ही पूरी भीड़ कुलदीप चौक की तरफ भागी और पुरे बाजार में आग लगाना शुरू कर दिया और वहां रह रहे स्थानीय वासियों पर पत्थर भी फेके गए एवं कुछ नवयुको पर AK47 से भी गोलिया चलायी गयी! CRPF की एक पूरी कंपनी इस चौक पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया क्योकि उपर से दस घंटे तक उत्पात मचाने की पूरी छूट का ईद का तोहफा था और CRPF के जवान सिर्फ मूक दर्शक बनकर देखते रहे। और जहा तक JKP और JKAP / IRP का सवाल है तो वे खुले तौर पर मुस्लिम भीड़ का समर्थन कर रहे थे! DYSP फारूक कैसर एसडीपीओ किश्तवाड़, डी वाई. सपा मुश्ताक अहमद, एसआई नईम माटो और उनके PSOs माट्टा द्वारा खुलेआम कलदीप चौक पर हिंदूओ के उपर AK47 और पिस्तौल द्वारा गोलियां चलाईं जो उनके गांवों में मुसलमानों के प्रवेश को रोकने के लिए कोशिश कर रहे थे. डिप्टी SP फारुक केसर से कुछ 10 फिट की दूरी पर खड़े एक आतंकवादी द्वारा भी गोलिया चल जा रही थी और बजाये उससे हथियार छिनने के उन्होंने खुद माट्टा ने हिन्दुओ पर गोलिया चलना शुरू कर दिया! गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू द्वारा खुले तौर पर मुस्लिमो को समर्थन किया गया एवं सभी पुलिस की गतिविधियों को सीमित कर हमलावर भीड़ को उकसाया. किश्तवाड़ - डोडा के डीआईजी रामबन रेंज अशखूर वानी श्री राज्यमंत्री एक परिवीक्षाधीन के रूप में सही किश्तवाड़ में उनकी नियुक्ति से कड़वा संबंध है जिनके साथ पुलिस श्री सुनील गुप्ता की एक सक्षम वरिष्ठ अधीक्षक को प्रतिबंधित करने के कारणवश किश्तवाड़ में बुलाया गया था. भीड़ में मुस्लिमो द्वारा AK47 तक का प्रयोग किया गया! जिससे यह समझने में देर नही लगती कि यह नरसंहार पूर्व प्रायोजित था! सज्जाद अहमद किचलू के खुद के परिवार के सदस्यों द्वारा भी फायरिंग की गयी! सज्जाद अहमद किचलू. उप सपा फारूक कैसर, उप. सपा डार मुश्ताक अहमद और एसआई नईम माटो ने खुले तौर पर हिन्दुओ के घरों और दुकानो और डाक बंगला, शहीदी सड़क और अमर बाजार में अन्य सभी संस्थाओं के रूप में हिंदू संपत्ति को नुकसान पहुचाने में मुस्लिम भीड़ का समर्थन किया! मुख्यमंत्री अमर अब्दुल्ला ने किश्तवाडा में किसी भी मिडिया एवं अन्य दलों के नेताओ के वहां जाने पर प्रतिबन्ध तक लगा दिया हैं !!! सेना सुबह मौका ए वारदात पर पहुंच गयी थी मगर उसे कोई आदेश नही दिया गया जिसके फलस्वरूप किश्तवाड़ में ईद पर हिन्दुओ के खून से होली लिखी गयी और AK47 जैसे खतरनाक हथियारो से दिवाली मनाई गयी! कल नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली को भी वहाँ नही जाने दिया और एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया! किश्तवाड़ को पूरी तरह से जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया गया हैं जो मुस्लिम समर्थक और हिन्दू विरोधी हैं! सेना की इसमें कोई मदद नही ली गयी, बस नाम के लिए ईद की शाम को कुछ जगह पर तैनात किया गया !!! यह सच आप किने लोगो को बता पाते हैं, अब यह आप पर निर्भर हैं !!! सभी तथ्य सत्य हैं और जम्मू के उधमपुर से मित्र मनोज अग्रवाल जी ने उपलब्ध करवाए हैं!

Thursday, February 7, 2013

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मामले को बार-बार टाले जाने पर सीबीआई को जमकर फटकार लगाई है।

अयोध्या मे बाबरी ढांचे के विध्वंश को राष्ट्रीय अपराध कहने पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सी.बी.आई. को फटकार लगाना स्वागत योग्य है। एक बार पुनः साबित हो चुका है कि सी.बी.आई. कांग्रेस पार्टी के एजेण्ट के रूप में कार्य कर रहा है। मा0 उच्चतम न्यायालय की यह फटकार प्रयागराज महाकुम्भ में देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल एवं धर्म संसद में हुये पारित प्रस्तावों की पुष्टि करता है।

सी.बी.आई. कांग्रेस के एजेण्ट के रूप में कार्य करते हुये केवल राजनीतिक विद्वेष की भावना से देश के धर्माचार्यो तथा प्रमुख हिन्दू नेताओं को जबरन मुकदमों में फॅसाकर हिन्दुओं को अपमानित कर रही है। इससे प्रयागराज महाकुम्भ में धर्माचार्यो मे व्यापक आक्रोश है। गोरक्षपीठाधीश्व­र पूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की अध्यक्षता में देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल द्वारा जो छः प्रस्ताव पारित किये, उनमें से अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मन्दिर का निर्माण, धर्मान्तरण की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को पूर्ण प्रतिबन्धित करना, गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के लिये केन्द्रीय कानून बनाना, गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिये नये सिरे से अभियान प्रारम्भ करना, अवैध घूसपैठ एवं जेहादी आतंकवाद के खिलाफ व्यापक जनजागरण के माध्यम से राष्ट्र की आन्तरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने सम्बन्धित प्रस्ताव पारित किये गये जिसकी पुष्टि देश के 10000 संतो की धर्म संसद ने प्रयागराज महाकुम्भ में किया है।
अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ न होना इस देश के 100 करोड़ हिन्दू जनता का अपमान है। इसके लिये कांग्रेस एवं वे तथाकथित राजनीतिक दल जिम्मेदार है जिन्होनें हिन्दुओं को अपमान करना एकमात्र अपना उद्देश्य बना लिया है। जो लोग इससे पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से सम्बन्धित प्रमाण मांगते थे, आज वे मौन क्यो है? स्वंय सन् 1994 में कांग्रेस की तत्कालीन केन्द्र सरकार ने मा0 उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र दाखिल किया था कि अगर यह साबित हो गया कि विवादित ढांचा किसी मन्दिर या हिन्दू स्मारक को तोड़ कर बनाया गया था तो सरकार हिन्दू भावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी और अगर यह साबित नही हो पाया तो मुसलमानों केे भावनाओं का सम्मान होगा। इस शपथ पत्र के आलोक में दिनांक 30 सितम्बर,2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायलय के लखनऊ खण्डपीठ की एक पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में इस बात को स्पष्ट कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल ही प्राप्त साक्ष्यों एवं प्रमाणों के आधार पर श्रीराम जन्मभूमि है। कांग्रेस नेतृत्व की यू.पी.ए. सरकार को सन् 1994 के अपने शपथ पत्र का संज्ञान लेना चाहिये तथा हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुये अब संसद में प्रस्ताव पारित कर श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ करनी चाहिये। अगर अब भी हिन्दु भावनाओं के खिलाफ कार्य करने से केन्द्र और प्रदेश सरकार बाज नही आई तो धर्म संसद का अन्तिम संकल्प है भीषण संघर्ष। धर्म संसद एवं देश के धर्माचार्यो की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल ने देश में लगातार बढ़ रही हिन्दू विरोधी गतिविधियों पर चिन्ता व्यक्त की और उसके लिये चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से अक्षय तृतीया तक व्यापक जनजागरण का अभियान अपने हाथो में लिया है। हम व्यापक जनजागरण के माध्यम से हिन्दू एकता का मार्ग प्रशस्त करनें और जरूरत पड़ेगी तो किसी हिन्दू विरोधी गतिविधि का मुॅहतोड़ जवाब भी देगें।
बाबरी ढांचों के विध्वंश को सी.बी.आई. द्वारा राष्ट्रीय अपराध कहने की निन्दा की तथा मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा सी.बी.आई. को फटकार का स्वागत करते हुये आशा व्यक्त किया कि धर्म संसद और माननीय उच्चतम न्यायालय की फटकार से कांग्रेस नेतृत्व की आखें खुलेंगी।

Tuesday, February 5, 2013

33 करोड़ हिन्दू देवी देवताओं के सच पूरा

हम लोगों ख़ास कर मुगलों को इस बात की बहुत बड़ी गलतफहमी है कि हिन्दू सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं. मुस्लिमों की ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें सुनकर तो ऐसा लगता है कि भगवान् ने मूर्खता का सारा ठेका. थोक के भाव में मुगलों को ही दे रखा है. तभी वे, कभी भी अक्ल की बात करते ही नहीं हैं! मुस्लिमों की देखा देखी आज कल उनके सरपरस्त और वर्णसंकर प्रजाति के लोगों को भी (जिसे आधुनिक बोलचाल की भाषा में "सेक्यूलर" भी कहा जाता जाता है) भी ऐसा ही बोलते देखा जा सकता है! 33 कोटि देवी देवता का अर्थ 33 प्रकार होता है और करोड़ भी। लेकिन ऐसा है नहीं और, सच्चाई इसके बिलकुल ही विपरीत है! दरअसल हमारे वेदों में उल्लेख है. 33 "कोटि" देवी-देवता! अब "कोटि" का अर्थ "प्रकार" भी होता है और. "करोड़" भी! तो मूर्खों ने उसे हिंदी में. करोड़ पढना शुरू कर दिया. जबकि वेदों का तात्पर्य. 33 कोटि अर्थात 33 प्रकार के देवी-देवताओं से है. (उच्च कोटि. निम्न कोटि इत्यादि शब्द) तो आपने सुना ही होगा. जिसका अर्थ भी करोड़ ना होकर प्रकार होता है) ये एक ऐसी भूल है. जिसने वेदों में लिखे पूरे अर्थ को ही परिवर्तित कर दिया! इसे आप इस निम्नलिखित उदहारण से और अच्छी तरह समझ सकते हैं! अगर कोई कहता है कि बच्चों को "कमरे में बंद रखा" गया है! और दूसरा इसी वाक्य की मात्रा को बदल कर बोले कि... बच्चों को कमरे में "बंदर खा गया" है! कुछ ऐसी ही भूल. अनुवादकों से हुई अथवा दुश्मनों द्वारा जानबूझ कर दिया गया. ताकि, इसे हाइलाइट किया जा सके! सिर्फ इतना ही नहीं. हमारे धार्मिक ग्रंथों में साफ-साफ उल्लेख है कि. "निरंजनो निराकारो.. एको देवो महेश्वरः" अर्थात इस ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही देव हैं... जो निरंजन... निराकार महादेव हैं...! साथ ही यहाँ एक बात ध्यान में रखने योग्य बात है कि हिन्दू सनातन धर्म. मानव की उत्पत्ति के साथ ही बना है. और प्राकृतिक है. इसीलिए. हमारे धर्म में प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीना बताया गया है. और, प्रकृति को भी भगवान की उपाधि दी गयी है. ताकि लोग प्रकृति के साथ खिलवाड़ ना करें! जैसे कि..गंगा को देवी माना जाता है. क्योंकि.. गंगाजल में सैकड़ों प्रकार की हिमालय की औषधियां घुली होती हैं..! गाय को माता कहा जाता है. क्योंकि गाय का दूध अमृततुल्य. और, उनका गोबर एवं गौ मूत्र में विभिन्न प्रकार की औषधीय गुण पाए जाते हैं! तुलसी के पौधे को भगवान इसीलिए माना जाता है कि... तुलसी के पौधे के हर भाग में विभिन्न औषधीय गुण हैं.! इसी तरह वट और बरगद के वृक्ष घने होने के कारण ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं और, थके हुए राहगीर को छाया भी प्रदान करते हैं...! यही कारण है कि. हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथों में. प्रकृति पूजा को प्राथमिकता दी गयी है. क्योंकि, प्रकृति से ही मनुष्य जाति है. ना कि मनुष्य जाति से प्रकृति है..! कालांतर में ईसाई और इस्लाम सरीखे. बिना सर-पैर वाले सम्प्रदायों के आ जाने के कारण और, उनके द्वारा. प्रकृति का सम्मान नहीं करने के कारण ही. आज हम ग्लोबल वार्मिंग वार्मिंग और, ओजोन परत जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं! अतः. प्रकृति को धर्म से जोड़ा जाना और उनकी पूजा करना सर्वथा उपर्युक्त है. ! यही कारण है कि. हमारे धर्म ग्रंथों में. सूर्य, चन्द्र. वरुण. वायु. अग्नि को भी देवता माना गया है. और, इसी प्रकार. कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैं.! इसीलिए, आप लोग बिलकुल भी भ्रम में ना रहें. क्योंकि. ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही देव हैं. जो निरंजन... निराकार महादेव हैं...! बाकी के ईसा मसीह वगैरह. को संत या महापुरुष कहा जा सकता है. परन्तु भगवान् नहीं!